ब्रह्म मुहर्त से शुरू अष्टांग योग:
१) यम, २)
नियम,
३)
आसन,
४)
प्राणायाम,
५)
प्रत्याहार,
६)
धारणा
७)
ध्यान
८)
समाधि
ब्रह्मचर्य का कठोर नियम का पालन करते हुए कैवल्य पद को प्राप्त करने की प्रतिज्ञा करता हूँ कि इसके लिये मुझे चाहें जितनी भी बार जन्म लेना पडें ।
संजय योगी